जिला अस्पताल का कारनामा, इंजेक्शन लगाते ही बिगड़ी मरीजों की हालत
आजमगढ़. जिला अस्पताल में शल्य चिकित्सा के बाद भर्ती मरीजों को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा लगाए गए इंजेक्शन के बाद उनकी हालत अचानक गंभीर हो गई। अस्पताल के बेड पर मरीजों को तड़पता देख वहां हड़कंप मच गया। मंगलवार की सुबह हुई इस घटना के बाद अस्पताल प्रशासन व वहां प्रशिक्षण ले रही नर्सिंग की छात्राओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। बताते हैं कि अस्पताल में नर्सिंग का प्रशिक्षण ले रही छात्राओं द्वारा मंगलवार की सुबह अस्पताल में भर्ती मरीजों का उपचार शुरू किया गया।
अस्पताल प्रशासन द्वारा दिए गए एंटीबायोटिक इंजेक्शन वहां पेट की बीमारी के कारण भर्ती बिलरियागंज क्षेत्र के इटौरा दयाल निवासी आठ वर्षीय दलसिंगार, शहर कोतवाली क्षेत्र के जीयनपुर कोठरा ग्राम निवासी बच्चेदानी का आपरेशन कराने वाली 35 वर्षीय सुनीता, पथरी का आपरेशन कराने वाले मुबारकपुर क्षेत्र के रघुनाथपुर निवासी 36 वर्षीय रामहित मौर्य, प्रोस्टेट का आपरेशन कराने वाले कप्तानगंज क्षेत्र के बभनपुरा निवासी 70 वर्षीय गुद्दर तथा मऊ जिले के चालीसवां ग्राम निवासी राजकुमार की 13 वर्षीय पुत्री प्रीति को प्रशिक्षण ले रही नर्सिंग की छात्राओं द्वारा इंजेक्शन लगाए गए।
कुछ ही देर बाद यह सभी मरीज अपने बेड पर तड़पने लगे। इस बात की जानकारी होने पर अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों को बुलाया गया और प्रभावित मरीजों का उपचार शुरू हुआ। कुछ देर बाद मरीजों को आराम मिलने पर स्वास्थ्य कर्मियों ने राहत की सांस ली। इस संबंध में अस्पताल प्रशासन का कहना है कि नर्सिंग छात्राओं के असावधानी के कारण ऐसा हुआ जबकि नर्सिंग की छात्राओं का कहना है कि उन्हें एंटीबायोटिक इंजेक्शन की जगह गलत इंजेक्शन मरीजों को लगाने के लिए दे दिया गया था।
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